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Showing posts from December 21, 2016

*दिल की हसरत जुबां पर

"दिल की हसरत जुबां पर आने लगी; तुमको देखा और जिंदगी मुस्कुराने लगी; ये मेरी दोस्ती है या दीवानगी; हर सूरत पर तेरी सूरत नज़र आने लगी।"

"खुशबु ने फूलों को

"खुशबु ने फूलों को ख़ास बनाया; फूलों ने माली को ख़ास बनाया; और कमबख्त मोहब्बत ने; कितनो को देवदास बनाया!